THE DEFINITIVE GUIDE TO SIDH KUNJIKA

The Definitive Guide to sidh kunjika

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देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति प्रथमोऽध्यायः

देवी वैभवाश्चर्य अष्टोत्तर शत नाम स्तोत्रम्

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति सप्तमोऽध्यायः

श्री महिषासुर मर्दिनी स्तोत्रम् (अयिगिरि नंदिनि)

हेल्थरिलेशनशिपट्रैवलफ़ूडपैरेंटिंगफैशनहोम टिप्स

श्री अन्नपूर्णा अष्टोत्तरशत नाम्स्तोत्रम्

कुंजिकापाठमात्रेण दुर्गापाठफलं लभेत्।

अभक्ते नैव दातव्यं गोपितं रक्ष पार्वति ॥ १४ ॥

देवी माहात्म्यं दुर्गा सप्तशति दशमोऽध्यायः

अगर किसी विशेष मनोकामना पूर्ति के लिए सिद्ध कुंजिका स्तोत्र कर रहे हैं तो हाथ में जल, फूल और अक्षत लेकर जितने पाठ एक दिन में कर सकते हैं उसका संकल्प लें.

श्री प्रत्यंगिर अष्टोत्तर शत नामावलि

येन मन्त्र प्रभावेण, चण्डी जापः शुभो भवेत।।

On chanting on the whole, Swamiji says, “The greater we recite, the greater we pay get more info attention, and the greater we attune ourselves for the vibration of what's getting said, then the greater We are going to inculcate that attitude. Our intention amplifies the Mind-set.”

जाग्रतं हि महादेवि जपं सिद्धं कुरुष्व मे ॥ ७ ॥

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